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लागल करेजवा में गोली हो, सुनि कोइलर के बोली / भोजपुरी होली गीत

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लागल करेजवा में गोली हो, सुनि कोइलर के बोली ।।टेक ।।

छलकि -छलकि जाला रस के गगरिया ।
चलल दुलुम भइले रहिया डगरिया ।
जहें -तहें करेला ठिठोली हो, नवछटियन के टोली ।।टेक ।।

भरि-भरि के मारे देवरा फिचुकारी ।
भींजि के लथपथ हो गइले सारी।
मसकि गइल हमार चोली हो, कइसे खेलीं होली ।। टेक ।।

झिरी-झिरी बहेला बेयार मधुआइल ।
कुफुरेला जीव मोर पियवा न आइल ।
दुअरा लगाइल केहू डोली हो,जइसे उड़नखटोली ।।टेक ।।

कर्मेन्दु शिशिर के संग्रह से