Last modified on 19 मार्च 2019, at 10:56

पीर को ईश का रहम जाना / रंजना वर्मा

सशुल्क योगदानकर्ता ४ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:56, 19 मार्च 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना वर्मा |अनुवादक= |संग्रह=शाम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पीर को ईश का रहम जाना
जो मिला रब से उसे कम जाना

चैन मिलता उसी के दर पर है
ध्यान में साँवरे के रम जाना

श्वांस आवागमन किया करती
मौत है ज़िन्दगी का थम जाना

दर्द की आखिरी है सीमा ये
आँख में आँसुओं का जम जाना

फेर कर मुँह चला गया कोई
हमने लेकिन उसे भरम जाना