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हुस्ने बहारा आकर मिल / मृदुला झा

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प्रियतम प्यारा आकर मिल।

हर पल तेरी बाट तकूँए
प्यार हमारा आकर मिल।

सतरंगी सपनों के तुमए
हो लश्कारा आकर मिल।

ज़िस्म में बाकी जान नहींए
समझ इशारा आकर मिल।

माया के इस जंगल सेए
ले छुटकारा आकर मिल।