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भैया हो जानी लेॅ / ब्रह्मदेव कुमार

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भारत सरकार के नया योजनमां, सुनोॅ हो मजदूर-किसान।
रोजगार गारंटी अधिनियम सेॅ, मिलथौं सबकेॅ त्राण
भैया हो जानी लेॅ-
सालोॅ में सोॅ दिन, मिलथौं निश्चित काम॥

जाय छोॅ घर-परिवार केॅ छोड़ी, दिल्ली आरो असाम
मन-प्राण कैन्हें तड़पाबै छोॅ, गाम्हैं मेॅ मिलथौं काम।
भैया हो मानी लेॅ-
ग्राम-सभा मेॅ चुनिहोॅ तोंही काम॥

दरखास दै दोॅ ग्राम-पंचायत में
छूटै नै कोय परिवार
काम करै के समय बतैहोॅ,
एकरा पेॅ करिहोॅ विचार।
मनोॅ में लानी लेॅ-
खुशहाल होथौं तोरोॅ घर-परिवार॥

डाकघर याकि बैंकोॅ में, खाता लिहोॅ खोलबाय
पन्द्रह दिनोॅ के अन्दर-अन्दर,
मजदूरी मिलथौं भाय।
नै तेॅ ठानी लेॅ-
सरकारोॅ सेॅ मुआवजा लैके उपाय॥