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करलकै खूबे कमाल गे / ब्रह्मदेव कुमार

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जों हमें जानतलिं गाम्हैं में मिलतै
नरेगा सें सबकेॅ काम गे।
नाहीं हमेॅ भेजतलिं, नुनुवां बापोॅ केॅ
दिल्ली आरो असाम गे॥
सास-ससुरे गारी पढ़ै छै, दूसै छै हमरोॅ काम गे।
ननदी-दियौरें पटकै छै थरिया, मुँहोॅ में नै छै लगाम गे॥

याँहीं ग्राम-पंचायत में लिखबाय लेतियाँ, दुन्हूँ आपनोॅ नाम गे।
पनरे दिनोॅ में जाॅब कार्ड आरो, मिलतियै दुन्हूँ केॅ काम गे॥

ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, लागू करलकै सरकार गे।
सालोॅ में सोॅ दिन गरीब परिवार केॅ, मिलतै काम-रोजगार गे॥

ग्राम-सभा में फैसला होतै, केना होतै ग्राम-विकास गे।
जल संचय, जल संरक्षण, सड़क-नाली, भूमि विकास गे॥

कामोॅ जग्घा पेॅ छाया-पानी, आरो चिकित्सा सुविधा गे।
पाँच सालोॅ के बच्चा लेली, आरो चिकित्सा व्यवस्था गे॥

सरकारी नियत मजदूरी मिलतै, सप्ताहिक भुगतान गे।
डाकघर या बैंकोॅ में खोलबै, खाता एक समान गे॥

आबेॅ नै रहतै भागतै सब दुख, जिनगी होतै खुशहाल गे।
सरकारें नरेगा चलाय केॅ, करलकै खूबेॅ कमाल गे॥