Last modified on 3 मई 2019, at 16:40

सुनोॅ भैया सुनोॅ / ब्रह्मदेव कुमार

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:40, 3 मई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ब्रह्मदेव कुमार |अनुवादक= }} {{KKCatAngikaRac...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सुनोॅ भैया सुनोॅ, सुनोॅ हो कहना हमरोॅ
मानोॅ भैया मानोॅ, मानोॅ हो वचन हमरोॅ।
बेटा आरो बेटी के करियोॅ बियाह
से जानी लिहोॅ पैह्ने, जानी लिहोॅ उमर ओकरोॅ॥

बेटी के बिहा, अठारह सेॅ पैह्ने नै करिहोॅ
पढ़ैहोॅ-लिखैहोॅ, ओकरा तों ज्ञान दिलैहोॅ।
नै तेॅ होतै जिनगी, ओकरोॅ बरबाद
सुनोॅ भैया सुनोॅ, सुनोॅ हो कहना हमरोॅ॥

बेटा बापें सुनोॅ, सुनोॅ बड़का बाबू आरो चाचा
बेटा केॅ बिहैबोॅ, एकैसोॅ सेॅ पैह्ने नै अच्छा।
नै तेॅ होथौं बाल-विवाह अपराध
सुनोॅ भैया सुनोॅ, सुनोॅ हो कहना हमरोॅ॥

एकरा मेॅ पकड़ैभेॅ, जैभेॅ-खैभेॅ जेलोॅ के हवा
पनरह दिनोॅ सेॅ तीन महीना के होथौं सजा।
आरो लागथौं जुरमाना हजार-बजार
सुनोॅ भैया सुनोॅ, सुनोॅ हो कहना हमरोॅ॥