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सभ्भै के कल्याण / ब्रह्मदेव कुमार
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सर्व शिक्षा अभियान हो, शिक्षा अभियान
पढ़ाय-लिखाय करतै, सभ्भै के कल्याण।
जेहूँ नाहीं पढ़लेॅ छै, वहूँ-वहूँ पढ़तै
पाँच सालोॅ के सभ्भे बच्चा, स्कूल आबेॅ जैतै।
आबेॅ नाहीं रहतै, मुरखा समान॥
भाय-भाय पढ़तै, बहिन-बहिन पढ़तै
पढ़ी-लिखी बनतै, जिनगी सुख पैतै।
नाची-नाची छेड़तै, बाँसुरी के तान॥
तन सुखी होतै, मन भी सुखी होतै
पढ़ी-लिखी सब, जन-जन सुखी होतै।
जिनगी में ऐतै, हँसी-मुस्कान॥