अभिनन्दन केरोॅ अभिनन्दन / ब्रह्मदेव कुमार
हे भारत के वीर पुत्र, अभिनन्दन वर्तमान
गाथा तोरोॅ वीरता केरोॅ, गावै हिन्दुस्तान।
हे हो अभिनन्दन चम-चम चमकै सौसे हिन्दुस्तान मेॅ॥
माय भारती के रक्षा लेली, सीमा पेॅ सीना तान
जान हथेली पर राखी केॅ, चैकस वीर जवान।
हे हो अभिनन्दन झम-झम झमकै सौसे हिन्दुस्तान मेॅ॥
की मजाल छै दुश्मन के जे, देतै आँख देखाय
की औकात कि माय भारती के, अचरा में दाग लगाय।
हे हो अभिनन्दन गम-गम गमकै सौसे हिन्दुस्तान मेॅ॥
लंका-दहन करी जे देलकै, घूसी केॅ पाकिस्तान
घूरी केॅ ऐलै सीना तानी, पवन-पुत्र हनुमान।
हे हो अभिनन्दन झल-झल झलकै सौसे हिन्दुस्तान मेॅ॥
ललकारी केॅ रपेटी केॅ घेरी केॅ, देलकै चिता जराय
कब्बर खोदी देलकै ओकरोॅ, ओकरे घरोॅ में जाय।
हे हो अभिनन्दन खम-खम खमकै सौसे हिन्दुस्तान मेॅ॥
वीर पिता के वीर पुत्र, वीर जननी केरोॅ संतान
तोरोॅ शौर्य पेॅ गर्व करै छौं, मुस्कै छै भगवान।
हे हो अभिनन्दन झन-झन झनकै सौसे हिन्दुस्तान मेॅ॥
कŸोॅ गदगद माय भारती छै, खुशी सेॅ आँख लोरियाय
ऐन्हों वीर सपूत कि जौनें, देलकै जियरा जोड़ाय।
हे हो अभिनन्दन धम-धम धमकै सौसे हिन्दुस्तान मेॅ॥
अभिनन्दन केरोॅ अभिनन्दन छै, हे वीर विंग कप्तान
तोरोॅ वीरता केरोॅ डंका, बजै छै सकल जहान।
हे हो अभिनन्दन डम-डम डमकै सौसे हिन्दुस्तान मेॅ॥