भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वार्ता:सिक्के की औक़ात / अशोक चक्रधर

Kavita Kosh से
अभिमन्यु (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 01:43, 8 अगस्त 2008 का अवतरण (New page: अशोके चक्रधर जी अपने बोलगप्पों से हँसाने के साथ साथ ही बहुत बड़ी बातें क...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अशोके चक्रधर जी अपने बोलगप्पों से हँसाने के साथ साथ ही बहुत बड़ी बातें कह जाने मैं माहिर हैं . हालाँकि अलग अलग इन्सान इनका अलग मतलब निकल सकता है . यह काफी बेहतर होगा अलग पाठक इस भाग मैं कविता के बारे मैं अपने विचार रखें |