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नही और कोई कमी ज़िन्दगी में/ देवमणि पांडेय
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- नही और कोई कमी ज़िन्दगी में
चलो मिल के ढ़ूंढ़ें ख़ुशी ज़िन्दगी में
- हज़ारों नहीं एक ख़्वाहिश है दिल में
मिले काश कोई कभी ज़िन्दगी में
- अगर दिल किसी को बहुत चाहता है
उसे कर लो शामिल अभी ज़िन्दगी में
- मोहब्बत की शाख़ों पे गुल तो खिलेंगे
अगर होगी थोड़ी नमी ज़िन्दगी में
- निगाहों में ख़ुशबू क़दम बहके-बहके
ये दिन भी हैं आते सभी ज़िन्दगी में
- मिलेंगे बहुत चाहने वाले तुमको
मिलेगा न हम-सा कभी ज़िन्दगी में
- बिछड़ कर किसी से न मर जाए कोई
वो मौसम न आए किसी ज़िन्दगी में