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नकलची बंदर / फुलवारी / रंजना वर्मा

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बड़ा नकलची मेरा बंदर।
घुस आता कमरे के अंदर॥
मैं खाता तो वह भी खाता।
मैं हँसता तो दाँत दिखाता॥
नौकर ने बीड़ी सुलगाई।
उस ने पकड़ी दियासलाई॥
बीड़ी ले कर सुट्टा मारा।
लगा खांसने पर बेचारा॥