बोलो ऐ गैंडे दादा
खाते हो कितना ज्यादा॥
क्या हो हाथी के भाई।
उसकी सी ताकत पाई॥
सूंड़ नाक पर हाथी के।
सींग नाक पर साथी के॥
क्या है सूंड़ घिसा डाली।
या फिर सींग कटा डाली॥
जो दे दे वह खाना तुम।
हम को नहीं डराना तुम॥
बोलो ऐ गैंडे दादा
खाते हो कितना ज्यादा॥
क्या हो हाथी के भाई।
उसकी सी ताकत पाई॥
सूंड़ नाक पर हाथी के।
सींग नाक पर साथी के॥
क्या है सूंड़ घिसा डाली।
या फिर सींग कटा डाली॥
जो दे दे वह खाना तुम।
हम को नहीं डराना तुम॥