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कुमारवा का चइता / कुमार वीरेन्द्र

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एक घाट पे
कुकुर भौंके, दूसर घाट पे करे
सियार हुआँ-हुआँ हो रामाऽऽऽ चइते मासे, अरे चइते मासे
ई चुनाव हो रामाऽऽऽ, चइते मासेऽऽऽ, खेत-बधार में हँकरे
साँड़, डीह-डीहवाड़ में ढेंचू-ढेंचू करे ख़ूब
गदहवा हो रामा, चइते
मासेऽऽऽ

दिन तो दिन
रात-रात-भर कउआ बोले, जाने
कहँवा से आ-आ मँडराए गिद्धवा हो रामाऽऽऽ, चइते मासेऽऽऽ, अरे चइते
मासे हो रामाऽऽऽ, चइते मासेऽऽऽ, मुरघटिया में बिलगोह जीभ लपलपावे
मन्दिर के चबूतरा पे फुँफकारे विषधरवा हो रामाऽऽऽ
चइते मासेऽऽऽ, अरे चइते मासे हो रामा
चइते मासेऽऽऽ, हो हई
चइतेऽऽऽ

जाने कवन हाथ चले ढेला
गाँव-गाँव नगरी-नगरी छाप रहीं बिरनी, छाप रहे हाड़ा
हो रामाऽऽऽ चइते मासेऽऽऽ, हई चइते मासे हो रामा, चइते मासेऽऽऽ, कतहुँ मकड़ा बुने, जाल पे जाल
कतहुँ गिरगिट बदले रंग हो रामाऽऽऽ चइतेऽऽऽ, कहे तिलचट्टा कहे कनगोजर, अबकी चुनाव में अजबे
उठाव-गिराव हो रामा चइते मासेऽऽऽ, सुखार-दहार में अजबे बहार हो रामा चइते
मासेऽऽऽ, अरे चइते भोटा-भोटी हो रामा हई चइतेऽऽऽ, अरे
लूटs लहार, भूलके सब दुःख-दरदिया हो
रामा चइते मासेऽऽऽ

कहें बकुला-कबूतर
कहें पण्डुक-गौरइया, अबकी चुनाव में सुनऽ हो
भइया, केहू के माई-बाप रूस-अमरीका, कहें चूटा-माटा कहें पिलुआ-फतिंगी, अबकी चुनाव
में केहू के पाहुन-ससुर फरांस-इटली, कहे उल्लू कहे टिटहरी कि हई कवन सूझ-शुभ कि केहू
के इयार-भतार जापान-चीन हो रामा चइते मासेऽऽऽ, अरे चइते चुनाव
हो रामाऽऽऽ चइते, चुनाव हई चुनाव हो रामा चइतेऽऽऽ
अरे दलदल में कइसन हई कइसन
छाँव हो रामाऽऽऽ

चइते मासेऽऽऽ हो रामा चइते मासेऽऽऽ

हो हई चइते मासेऽऽऽ...!