राजनीति में कौन हैं, जो दूध के धुले हैं
हम तो हर कीमत पर, कुर्सी पाने को तुले हैं
किसके साथ सोयें, किसके साथ जागे, किसी को क्या मतलब
तख़्त में साझेदारी के सारे विकल्प खुले हैं
राजनीति में कौन हैं, जो दूध के धुले हैं
हम तो हर कीमत पर, कुर्सी पाने को तुले हैं
किसके साथ सोयें, किसके साथ जागे, किसी को क्या मतलब
तख़्त में साझेदारी के सारे विकल्प खुले हैं