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जंगल-जंगल / विश्वासी एक्का
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अगर तुमने जँगल छीना
दहक उठेगा बसन्त
बौरा जाएँगी अमराइयाँ
जल कर काली हो जाएगी कोयल ।
कैरी के बदले
पेड़ों पर लद जाएँगे बारूद
तुम्हारे छूने मात्र से
हो जाएगा विस्फोट…
तुम्हारे हाथ कुछ नहीं आएगा
न जली लकड़ियों की राख
और न ही कोयला ।