मुझसे इश्क़ करने के बाद / हुमायूँ आज़ाद
मुझसे इश्क़ करने के बाद
तुम्हारा कुछ भी
पहले जैसा नहीं रह पाएगा ।
जैसे हिरोशिमा के बाद
उत्तरी से दक्षिणी मेरु तक कुछ भी पहले जैसा नहीं रहा ।
दरवाज़े पर जो घण्टी बजी ही नहीं, उसी को सुनोगी बार-बार
सब दरवाज़े-खिड़कियाँ काँप उठेंगे और तुम्हारा दिल भी
जैसे बिजली गिरी हो !
अगले ही पल तुम्हारा छन-छन बोलता, इधर-उधर दौड़ता ख़ून,
ठण्डा पड़ जाएगा,
जैसे सन इकहत्तर में दरवाज़े पर बूट की अजीब आवाज़ से
ढाका का अवाम सुन्न हो जाया करता था ।
मुझसे इश्क़ करने के बाद
कुछ भी पहले जैसा नहीं रह जाएगा
रास्ते में उतरते ही देखोगी जैसे
सामने से आनेवाले हर रिक्शे में
मै ही चला आ रहा हूँ भागता हुआ
और बिना रुके, तुमसे दूर जा रहा हूँ ।
इधर उधर ।
चारों तरफ़।
तब तुम्हारे ख़ून और काले चश्मे में
इतना गहरा अन्धेरा छाएगा..
जैसे उन आँखो से तुमने कभी भी,
कुछ भी न देखा हो ।
मुझसे प्यार करने के बाद
तुम भूल जाओगी
वास्तविक-अवास्तविक
सच और सपने का फ़र्क़ ।
सीढ़ी समझकर पैर रख दोगी सपनों के शिखर पर
हरी घास समझकर बैठ जाओगी अवास्तविक चीज़ पर
और लाल फूल समझकर बालो में गूँथ लोगी ढेर सारे सपने ।
बन्द शावर के नीचे खड़ी रह जाओगी
बारह दिसम्बर से समय के अन्त तक....
यही सोचते हुए के तुम्हारे बाल, शरीर, गर्दन और होंठों को
बोदलेयर<ref>प्रसिद्ध फ़्रांसीसी कवि</ref> के अद्भुत्त बादल छू के जा रहे है निरन्तर ...।
तुम्हारे जिन होठों को चूमा था किसी उद्यमी प्रेमी ने
मुझ से प्यार करने के बाद, तुम खो दोगी वे होंठ
और वहाँ उग आयेगा एक सुन्दर गुलाब।
मुझसे इश्क़ करने के बाद तुम्हारा कुछ भी पहले जैसा नहीं रह जाएगा
लगेगा जैसे कोई,
कभी न ठीक होने वाली बीमारी है तुम्हें सदियों से,
लेटी हो अस्पताल में ।
दूसरे ही मिनट लगेगा जैसे
मानव इतिहास में एक तुम ही हो स्वस्थ,
और बाक़ी सब बहुत बीमार हैं ।
शहर और सभ्यता की गन्दी नालियाँ पार करके चौराहे पर आकर
जब मेरा हाथ पकड़ोगी तुम,
तब तुम्हें लगेगा कि जैसे यह शहर और बीसवीं सदी के
जीवन और सभ्यता के मैले पानी में
आसमान छूती हुई एक मृणाल के ऊपर तुम ही हो खिली हुई
निष्पाप विशुद्ध कमल ।
पवित्र अजर ।।
मूल बांगला से अनुवाद : नयना एस०