भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
शिव है मतवाला / सुनीता पाण्डेय 'सुरभि'
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:59, 27 मई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुनीता पाण्डेय 'सुरभि' |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
शिव है मतवाला, रूप निराला, भाल चन्द्रमा सोहे।
मानस अभियंता, जगत नियंता, रूप सभी को मोहे॥
प्रभु दरश दिखा दो, कष्ट मिटा दो, सेवक होहिं निहाला।
भोला है शंकर, जय प्रलयंकर, जय हो डमरू वाला॥