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कभी जीत होगी कभी मात होगी / कुमार नयन

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कभी जीत होगी कभी मात होगी
अगर ज़िन्दगी है तो हर बात होगी।

उजालों ने गद्दारियां की हैं यारो
निगाहों में अब रात ही रात होगी।

छुआ भी नहीं था निकल आये आंसू
महब्बत भरी कोई सौगात होगी।

जुनूँ में हो तुम भी जुनूँ में हैं हम भी
कोई फिर मिसाले-करामात होगी।

हम इक दूसरे को ही जब ढूंढते हैं
यक़ीनन हमारी मुलाक़ात होगी।

बग़ावत पे उतरे हैं नन्हें ये बच्चे
ज़मीं पर फरिश्तों की बारात होगी।

पता था हमें इश्क़ करने से पहले
कि हम लर भी तुहमत की बरसात होगी।