मृत्यु आती नहीं
न तो मारती ही है किसी को
मर जाते हैं हम ही
चलने की नियति नहीं रह जाती एक दिन
हम अनीति के दर्शक बन
नीति-नियंता की उपाधि लेते हैं॥
मृत्यु आती नहीं
न तो मारती ही है किसी को
मर जाते हैं हम ही
चलने की नियति नहीं रह जाती एक दिन
हम अनीति के दर्शक बन
नीति-नियंता की उपाधि लेते हैं॥