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कैसा लगता है / एलिस वॉकर / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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ऐसा कि मानो
मैं एक तरबूजा निगल चुकी हूँ
और
मेरे पाचनतन्त्र को
दरकिनार रखते हुए
मेरे दिल में
वह बस गया ।

वहाँ वह पड़ा रहता है
हरा
और साबुत
अन्दर
लज़ीज़ और लाल

अपना ही एक दिल
काटने के लिए
मुझे चुनौती देता हुआ ।

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य