Last modified on 19 जुलाई 2019, at 23:04

हड़ताल / गौतम-तिरिया / मुचकुन्द शर्मा

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:04, 19 जुलाई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुचकुन्द शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कॉलेज के शिक्षक बेहाल हे सौंसे बिहार चकरचाल हे
तीन माँह बितल ध्यान कहाँ सरकारी हे
शिक्षक के बड़की हड़ताल अभी जारी हे
कॉलेज सब बन्द हे लड़कन स्वच्छन्द हे
पढाई गेल चुल्हा में दम बचल कुल्हा में
होल प्रदर्शन भाषण धरना भी देल गेल
बल-बल छल से सरकार रहल खेलैत खेल
कतनों जोर लगल तैयो ने होल मेल
सरकारी शिक्षक सब कैने हे धक्का पेल
गुरू सब गौरव हल अबकी भिखारी हे
शिक्षक के बड़की हड़ताल अभी जारी हे
बड़ी फाका मस्ती हे शिक्षक में पस्ती हे
टूटल गृहस्थी हे फूटल हमर बस्ती हे
लेकिन अबाज कोय कजै ने सुने हे
अप्पन मन के बात ऊ गुनेहे
बाकी सबके तो ई, रूइया सन धुनेहे
उठापटक जारी हे केकरा के चुने हे
पूरे समाज में मचल मारामारी हे
शिक्षक के बड़की हड़ताल अभी जारी हे
पद से उतारे हे नीबू सन गारे हे
भुक्खल सब मारे हे खोरनी से जारेहे
बड़ अपमान होल बड़ बदनाम होल
तैयो नै जोर से हम रहलों हें बोल
शिक्षक के अबकी नै बढ़िया भी पारी हे
शिक्षक के बड़की हड़ताल अभी जारी हे
सगर परीक्षा में चोरी के छूट हे
अबकी बयालिस के बड़का ई लूटहे
शाम से सुबह होल बात सब झूठहे
झुके तनी नय पकड़ने बजरमूठ हे
चलल वैशाख में सावन अब आल हें
तैयो नय मानेई बड़का गोसाल हें
चूसल हे रस सब अब नै केतारी हे
शिक्षक के बड़की हड़ताल अभी जारी हे