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कुछ बात करो / ईशान पथिक

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पथ की दूरी कम हो जाए
चुप चलो नही कुछ बात करो
यह मौन कही अब खो जाए
चुप चलो नहीं कुछ बात करो

मेरे सूने मन को अपनी
बातों में उलझा लो तुम
मेरी पलकों की छाया में
जब धूप लगे सुस्ता लो तुम

चुपचाप दुपहरी सो जाए
चुप चलो नहीं कुछ बात करो
पथ की दूरी कम हो जाए
चुप चलो नहीं कुछ बात करो

मेरे अनगाए गीतों से
अधरों के द्वार सजा लो तुम
मधुमास सजेंगे गीतों से
स्वर से स्वर आज मिला लो तुम

तुम छू दो सोए तार प्रिय
चुप चलो नहीं कुछ बात करो
पथ की दूरी कम हो जाए
चुप चलो नहीं कुछ बात करो

हर सांस में चंदन घुल जाए
बगिया महके जो बोलो तुम
कब से है सूनी सूनी ये
चिड़िया चहके जो बोलो तुम

कुछ इत्र फिजा मेंं घुल जाए
चुप चलो नहीं कुछ बात करो
पथ की दूरी कम हो जाए
चुप चलो नहीं कुछ बात करो ।