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एक बगिया ढूंढा करता था / ईशान पथिक

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एक बगिया ढूंढा करता था
एक फूल की खुश्बू दिल मे थी
कुछ भौरें गूंजा करते थे
एक डाल पे चिड़िया बोली थी

तेरे काँधे पे जो सर रक्खा
तेरी जुल्फें वो बाग बनी
मुस्कान तेरी वो फूल बनी
मन भौंरे सा फिर बहक उठा
तेरे डाल से कंधे पर
में चिड़िया बन कर चहक उठा