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हमारी जिन्दगी / लव कुमार 'प्रणय'

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हर खुशी को डर हमारी जिन्दगी
एक उजड़ा घर हमारी जिन्दगी

हम अँधेरों में रहे दीपक लिए
आपको हमने उजाले ही दिए
मील का पत्थर हमारी जिन्दगी
एक उजड़ा घर हमारी जिन्दगी

हम नियति के जाल में फँसते रहे
आपकी खातिर सदा हँसते रहे
आँसुओं से तर हमारी जिन्दगी
एक उजड़ा घर हमारी जिन्दगी

हम सभा के शोर में गुम हो गये
कल्पनाओं तक रहे फिर खो गये
जी उठी मरकर हमारी जिन्दगी
एक उजड़ा घर हमारी जिन्दगी