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उसके इतने क़रीब हैं हम तो / अमन चाँदपुरी

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उसके इतने क़रीब हैं हम तो
अब तो ख़ुद के रक़ीब हैं हम तो

शेर कहते हैं छोड़कर सब काम
यार सचमुच अजीब हैं हम तो

ये दुआ है नवाज़ दे या रब
इल्मो-फ़न से ग़रीब हैं हम तो

इब्ने मरियम से अपना रिश्ता है
आशना-ए-सलीब है हम तो

अब तलक इश्क़ से है महरूमी
अब तलक बदनसीब हैं हम तो

हम तो शायर हैं ऐ! अमन गोया
इस सदी के अदीब हैं हम तो