फोर्ट प्रिज़न की जिस ख़ास कोठरी में मुझे रखा गया था, सज़ा सुनाe जाने से पहले बतलाया गया कि इसी कोठरी में महात्मा गान्धी को रखा गया था।
यानि
यहाँ एक परछाई हो सकती है
एक दूसरी ही परछाई
इस नीम अन्धेरी कोठरी में
परछाई जो कभी लुप्त नहीं हुई
मण्डराती ही रहती है मेरे ऊपर
यह परछाई है
उस चिड़चिड़े, व्यस्त, बुदबुदाते बूढ़े व्यक्ति की
जो करती है मुझे प्रेरित
और ज़्यादा कोशिशों के लिए
और
और ज़्यादा बर्दाश्त करने के लिए
अँग्रेज़ी से अनुवाद : नरेन्द्र जैन