भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ख़ास कोठरी / डेनिस ब्रूटस / नरेन्द्र जैन

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:20, 4 अगस्त 2019 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

फोर्ट प्रिज़न की जिस ख़ास कोठरी में मुझे रखा गया था, सज़ा सुनाए जाने से पहले बतलाया गया कि इसी कोठरी में महात्‍मा गान्धी को रखा गया था।

यानि
यहाँ एक परछाईं हो सकती है
एक दूसरी ही परछाईं
इस नीम अन्धेरी कोठरी में

परछाईं जो कभी लुप्‍त नहीं हुई
मण्डराती ही रहती है मेरे ऊपर

यह परछाईं है
उस चिड़चिड़े, व्‍यस्‍त, बुदबुदाते बूढ़े व्‍यक्‍ति की
जो करती है मुझे प्रेरित
और ज़्‍यादा कोशिशों के लिए
और
और ज़्‍यादा बर्दाश्‍त करने के लिए

अँग्रेज़ी से अनुवाद : नरेन्द्र जैन