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मबोना लॉज / विस्टन ह्यु ऑडेन / नरेन्द्र जैन

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सारी रात हवाएँ
झिंझोड़ती रहती हैं घर की नींव

उठो, छोटी-सी बत्ती जलाओ
और कमरे के जड़ अन्धेरे में रख दो उसे
दीवारों के ठिठुरते हिस्‍सों की तरफ़

हवा अब भी बहिष्‍कृत प्रेमी की मानिन्‍द
सिर धुनती है

देखो, उस छोटी सी लौ को
जो एक कुशल नट की तरह
अपने सन्तुलन में है

धीरे से, पता नहीं कहाँ से
पृष्‍ठ पर आ गिरते हैं
कुछ शब्‍द

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : नरेन्द्र जैन