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कहीं उस रात / विस्टन ह्यु ऑडेन / नरेन्द्र जैन

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कहीं उस रात में
सँग-सँग बैठे थे दो लोग
एक आदमी और एक औरत

उनके बीच ख़ामोशी
और सितारे उनके बीच
और उनके घुटनों पर एक कम्बल

दो लोग
एक आदमी और एक औरत

अन्धकार के समूचे
विस्‍तीर्ण समुद्र के मध्‍य
दो ख़ामोशियाँ

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : नरेन्द्र जैन