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एक याद / हबीब जालिब

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कच्चे आँगन का
वो घर वो बाम-ओ-दर

गाँव की पगडण्डियाँ
वो रहगुज़र

वो नदी का
सुरमई पानी शजर

जा नहीं सकता
बजा उन तक मगर

सामने रहते हैं
वो शाम-ओ-सहर