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अब तो बिरान होगे / राजेश चौहान
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कइसे दुनिया हा अब तोरे बिरान होगे
घर के मनखे मन घलो अब तो आन होगे
रहय सुवारथ जागर, पूंजी मोहो मोहो करैय
ददा दाई कहिके गोड़ हाथ मिसैय
अब तो खटिया मं रे खोखत मरे बिहान होगे।
मुंह खोझथे खाये बार, आनी बानी।
अब तो जेवन नोहर होगे रेनई मिलय पानी।
जेन बधवा रहय कुकुर के मितान होगे
डठके खाही डोकरी डोकरा मन नई तो मरैय
आभा सुनत बेटा पतो के अंतस जरय
अब तो करुहा रे, करेला कस जुबान होगे।
जेखर दया धरम, अन धनले मेछराथे
तेला दाना पानी, पसिया बर तरसाथे
करम ला गुनतधुनत, खटिया रे उतान होगे