चुनमुन चिड़िया जैसे गुनगुन
गीत आस के गा लें गुनगुन
गीत आस के गा लें।
देहरी पर बैठी जड़ता को
कोशिश करके टालें गुनगुन
गीत आस के गा लें।
बहुत तेज सूरज आकाशी
धरती पर तम राशी;
आसन्दी के पाखण्डों में
व्यर्थ टोटके बासी;
ग्लोबल-जिन का फंदा जन पर
सत्तासीं ले डालें।
कंकड़-पत्थर धूल-शूल सब
पथ पर बहुत पड़े;
धरती के अंतस में लेकिन
हीरे बहुत गड़े;
संकल्पों में धार कर्म की
उठा कुदाल निकालें।
सिर पर तूफानों के डेरे
मन को पर्वत करना;
दृढ़ता का फिर फूट पड़ेगा
अन्तस से इक झरना;
कड़वाहट बन जाये औषधि
मधु से कंठ पगा लें।
आती-जाती गुर्रातीं
लहरों पर नौकायें;
अकथ कहानी मछुआरों की
सागर के तट गायें;
चमचम मोती मिल जायेगा
चलिए सिंधु खँगालें।