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सॉरी / सुशान्त सुप्रिय
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भीड़ भरी सड़क पर वह
तेज़ रफ़्तार से
गाड़ी चला रहा था
तभी उसके मोबाइल का
रिंग-टोन बज उठा
अधीर होकर उसने
गाड़ी चलाते हुए ही
फ़ोन ‘पिक’ कर लिया
लेकिन तभी एक बच्चा
उसकी गाड़ी से टकरा कर
घायल हो गया
खिड़की का शीशा नीचे करके
उसने कहा -“ सॉरी ! “
और गाड़ी आगे बढ़ा ली
जैसे एक ज़ख़्मी बच्चे की
गहरी चोट और असह्य दर्द को
एक ही शब्द ने सोख लिया हो -
“ सॉरी ! “