भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कविता - 10 / योगेश शर्मा
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:29, 7 अक्टूबर 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=योगेश शर्मा |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
कवि को ऐसा प्रेमी होना चाहिए
जो प्रेम के सब प्रश्नों को निरुत्तर छोड़ दे,
और कविता को
प्रेम में किए गए प्रश्नों जैसा।
कविता के लिए आखिर जरूरी क्या है?
न तो जबरदस्ती लिखा जाना
और न जबरदस्ती पढा जाना।