जब हाथों में जाम आया है
लब पर तेरा नाम आया है
खुशबू बिखरी है भीनी सी
फिर कोई पैग़ाम आया है
बादल गरजे बिजुरी चमके
देखो वह घनशाम आया है
पुलकित भामा है बलिहारी
शबरी के घर राम आया है
रुक जा उर्मिल थकन मिटा ले
कैसा पावन धाम आया है।
जब हाथों में जाम आया है
लब पर तेरा नाम आया है
खुशबू बिखरी है भीनी सी
फिर कोई पैग़ाम आया है
बादल गरजे बिजुरी चमके
देखो वह घनशाम आया है
पुलकित भामा है बलिहारी
शबरी के घर राम आया है
रुक जा उर्मिल थकन मिटा ले
कैसा पावन धाम आया है।