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मेरा चिराग जला दिया / उर्मिल सत्यभूषण
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मेरा चिराग जला दिया
तेरा शुक्रिया, तेरा शुक्रिया
तूने नसीब जगा दिया
तेरा शुक्रिया, तेरा शुक्रिया
मेरे वजूद पे बरस के
तेरी मेहर ने मेरे खु़दा
मुझे नूर से नहला दिया
तेरा शुक्रिया, तेरा शुक्रिया
सदियों से सोई अहल्या को
मेरे राम तूने छू दिया
पत्थर को तूने गला दिया
तेरा शुक्रिया, तेरा शुक्रिया
मेरे गुलों में गो हुस्न था
खुशबू मगर थी दबी दबी
गुलशन मेरा महका दिया
तेरा शुक्रिया, तेरा शुक्रिया
उर्मिल तलाश का है सिला
इक गुल खिला अंगनाई में
जलवा मुझे दिखला दिया
तेरा शुक्रिया, तेरा शुक्रिया