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माँ तेरा यह वीर जवान / प्रेमलता त्रिपाठी

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सीमा का प्रहरी बन जागे, माँ तेरा यह वीर जवान।
ऋण माटी का आज चुका दे, इससे बड़ा न धर्म महान।

नाता प्यारा तुमसे अपना, मर मिटने की अपनी चाह,
प्राण सदा तेरे गुण गाये, तुम से है अपनी पहचान।

शीतल छाया माँ का आँचल, साथ रहे बनकर आशीष,
स्वर्ग सदा माँ के चरणों में, इनसे विमुख सदा अवसान।

जहाँ शक्ति साहस अदम्य हो, रहे सुरक्षित अपना देश,
विजय घोष से गूँज उठे नभ, वीर धीर कह हो सम्मान।

लक्ष्य हमारा जीवन अर्पण, उन्नत करना माँ का भाल
रही धरा वीरों की जननी, गीत आल्ह है अपनी आन।

प्रेम भरी अनंत करुणा मय, सूनी करते माँ की गोद,
मिटा सकें आतंक देश से, हो जायेंगे हम बलिदान।