Last modified on 17 नवम्बर 2019, at 23:03

प्रेम में ज़ैब्रा क्रौसिंग होना / जोशना बनर्जी आडवानी

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:03, 17 नवम्बर 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जोशना बनर्जी आडवानी |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

कितना सरल है
डींगे मार पाना खुद की बेशर्मियों पर
कितना कठिन है
खुद की खामोशियों के जोखिम उठाना

कितना सरल है
अलग़रज़ उबासियों के फ़सल उगाना
कितना कठिन है
चौकन्ना रह कर इज़्ज़त की खपरैल बनाना

कितना सरल है
मौलवी,पादरी और जनेऊधारी बन जाना
कितना कठिन है
भस्म कर देना मकसदों के परमाणुओं को

कितना सरल है
पहाड़ो की छाती से फ़ूटा हुआ पानी पीना
कितना कठिन है
इंग्लिश कैफे मे सौंफ और मिश्री का मिलना

बहरहाल
सरल और कठिन से परे
एक नैमत है प्रेम में ज़ैब्रा क्रौसिंग हो जाना
थम जाना इस असीमित ब्रहमाण्ड में
बिछ जाना दुनिया भर के कारोबार के नीचे