Last modified on 19 दिसम्बर 2019, at 20:48

ज़िंदगी गुलजार कर / अवधेश्वर प्रसाद सिंह

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:48, 19 दिसम्बर 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अवधेश्वर प्रसाद सिंह |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

ज़िंदगी गुलजार कर।
आ मुझे तू प्यार कर।।

ये पवन ले चल उड़ा।
सात समन्दर पार कर।।

गर मिले मझधार तो।
हाथ दो-दो चार कर।।

कृष्णा कन्हैया बनो।
यार का उद्धार कर।।

गोपियों के संग तुम।
रास को रसधार कर।।

राधा से तुम प्यार कर।
बाग को मनुहार कर।।