धन्नु मन्नू जुड़वाँ भाई, 
मिलती-जुलती सूरत पाई। 
बिना दाँत के हँसते ही-ही, 
जैसे कोई बुढ़िया माई। 
एक खिलोना रखो बीच में, 
फिर देखो तुम हाथापाई। 
इन्हें लिए रहते गोदी में, 
चाचा-चाची, ताऊ ताई।
धन्नु मन्नू जुड़वाँ भाई, 
मिलती-जुलती सूरत पाई। 
बिना दाँत के हँसते ही-ही, 
जैसे कोई बुढ़िया माई। 
एक खिलोना रखो बीच में, 
फिर देखो तुम हाथापाई। 
इन्हें लिए रहते गोदी में, 
चाचा-चाची, ताऊ ताई।