Last modified on 13 फ़रवरी 2020, at 00:24

आओ पेड़ लगाएँ / हरेराम बाजपेयी 'आश'

सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:24, 13 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरेराम बाजपेयी 'आश' |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

एक पेड़ तुम लगाओ, एक लगाएँ हम
नाच उठे धरती बीएचआई छम छमा छम छम।
गाँव के चौराहे पर पीपल लगाएंगे
आते-जाते सभी इसकी ठंडी छाँव पायेँगे,
थके हुए राही का मिट सकेगा गम। एक पेड़॥1॥
गाँव के हर मोड पर लगाएंगे नीम
ये तो खुद ही डॉक्टर है बड़ा हकीम,
दाँतों को साफ रखे चम चमा चम चम। एक पेड़॥2॥
गाँव की चौपाल पर पेड़ हो बरगद,
जहाँ सभी बैठ सकें, भूल कर सरहद
छोटा बड़ा कोई नहीं सभी बने सम। एक पेड़ ॥3॥
एक पेड़ जो लगाएंगे खुशियाँ ही पायेँगे,
छाँह और (लकड़ी) वर्षा सब मुफ्त में पा जायेँगे
आम के बगीचे हो, जिनसे मिले फल धन
एक पेड़ तुम लगाओ एक लगाएँ हम। एक पेड़॥4॥