भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
माँ भारती / पद्मजा बाजपेयी
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:35, 14 फ़रवरी 2020 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पद्मजा बाजपेयी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
ज्ञान चक्षु खोलो माँ भारती! तम विनाश कर
दो प्रकाश माँ भारती, ज्ञान चक्षु खोलो माँ भारती।
कलुष मिटा दो, द्वेष मिटा दो,
नव जीवन दो भारती, ज्ञान चक्षु खोलो माँ भारती।
नयी चेतना, नयी उमंगे, सरल स्वभाव,
सरस वाणी दो भारती, ज्ञान चक्षु खोलो माँ भारती।
विश्व प्रेम बलिदान क्षमा का, रस बरसा दो भारती।
ज्ञान चक्षु...