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माँ में बस्ता है संसार / पद्मजा बाजपेयी

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माँ में बसता है संसार
आँखों में जीवन का सार,
अंक लिए मान अति हर्षाती,
पूरा हुआ मेरा श्रंगार।
माँ में बसता...1
शब्दों में वीणा झंकार,
प्यार भरा यह अमृत धार,
माँ मुझको जब पास बुलाती,
खुशियाँ मिलती अपरम्पार,
माँ में बसता...2
माँ ही उमा, रमा ब्रम्हाणी,
वेद-पुराण विदित यह वाणी,
उसकी महिमा कोई न जाने,
मीठा-मीठा सद्व्यवहार,
माँ में बसता...3
माँ की ममता है अनमोल,
मिले जिसे वह है सिरमौर,
सच्चा प्यार ही जग आधार,
मिलता रहे हमें हर बार,
माँ में बसता...4