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मधुकर नहीं मन / राहुल शिवाय

पुनः जन्म लेकर आऊँगा।

मैंने तुममे चाह जगाई,
प्रेमिल पथ की राह दिखाई,
पर इसपर अधिकार जो तेरा-
प्राण ! तुमको न दे पाऊँगा।
पुनः जन्म लेकर आऊँगा।।

कोसों दूर रहो तुम मुझसे,
न जाओगी फिर भी हृदय से,
मैंने बस तुमको चाहा है-
जीवन भर तुमको चाहूँगा।
पुनः जन्म लेकर आऊँगा।।

अपना-अपना नियम यहाँ है,
पाषाणों मेँ हृदय कहाँ है,
यदि मेरे वश मेँ हो जाए-
मानव जन्म न दुहराऊँगा।
पुनः जन्म लेकर आऊँगा।।