ज़िन्दगी में हमें और क्या चाहिए। 
आपके इश्क का ही नशा चाहिए। 
तू न आये तो आ जाऊँ मैं तेरे घर, 
इसलिए मुझको तेरा पता चाहिए। 
मेरा घर भी हो रोशन तुम्हारी तरह, 
मेरे घर को तुम्हारी दुआ चाहिए। 
ज़ख्म दिल के बहुत दिन से महके नहीं, 
तेरे दामन मुझको हवा चाहिए। 
दर्द की याद भी जिससे आये न फिर, 
चारागर मुझको ऐसी दवा चाहिए।