तुम्हारी जीत हो जाये हमारी हार हो जाये
संभल कर रह मेरे दिल तू कहीं फिर प्यार हो जाये
यही बस सोचकर दिन भर खड़ा रहता हूँ राहों में
अभी घर से वो निकलेगी हमें दीदार हो जाये।
तुम्हारी जीत हो जाये हमारी हार हो जाये
संभल कर रह मेरे दिल तू कहीं फिर प्यार हो जाये
यही बस सोचकर दिन भर खड़ा रहता हूँ राहों में
अभी घर से वो निकलेगी हमें दीदार हो जाये।