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देर-सवेर / येव्गेनी रिज़निचेंका / अनिल जनविजय

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इस दुनिया में
सब कुछ देर से होता है
गाड़ियाँ और सवारियाँ
देर से आती हैं,
पुलिस बुलाई,
पुलिस देर से आती है,
फ़ैसला सुनाने
काज़ी देर से आते हैं ।
 
रात हुई तो
रोशनी देर से आती है,
युद्ध हुआ तो
ताबूत देर से आते हैं,
पर काल हमेशा
आता है ठीक समय पर,
और महाकाल हमेशा
समय से पहले आ जाता है।