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आख़िरी सांस / प्रवीन अग्रहरि
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वो कहती है, "तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो।"
मैं कहता हूँ, "तुम बहुत अच्छी हो।"
वो कहती है, "मैं तुम्हें हमेशा याद करती हूँ।"
मैं कहता हूँ, "तुम मुझे हमेशा याद रहती हो।"
कहती है, "तुम हमेशा मेरे साथ रहोगे"
मैं कहता हूँ, "मैं तुम्हें हमेशा अपने पास रखूँगा"
वो चिढ़ जाती है,
मैं खिलखिला उठता हूँ,
वो मुझसे लिपट जाती है,
और मैं सँवारने लग जाता हूँ उसकी ज़ुल्फें।
हम दोनों ज़िंदगी जी लेते हैं इस तरह...
यूं, के जब आप इश्क़ में होते हो
तो हर सांस ऐसे लेते हो
जैसे वह आपकी आख़िरी सांस हो।