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अलौकिक संसार / अंशु हर्ष

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मृत्यु को जानने की कोशिश की है मैंने
उन तहों तक पहुँचने की कोशिश कई बार
की है मैंने
जो हमारे बंधनो की नींव है
उन परतों को अक्सर संभाला है मैंने
जहां कुछ अहसास जन्म लेते है
बिन वजह ....
कोई तो वजह होगी उनके होने की ?
इस बात की तपतीश की है मैंने
मृत्यु को करीब से देखा है
अपने अज़ीज़ को खो देने का डर
इसका भी अहसास है मुझे
ज़िन्दगी से परे
मैं तलाशता हूँ
उस अलौकिक खूबसूरत संसार को
जहां चले जाने के बाद
कोई लौट कर नही आता
चाहे कितना भी अज़ीज़ हो
कोई कितना भी करीब हो