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रिश्तों के मोड़ / ओबायद आकाश / भास्कर चौधुरी

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पुराने रिश्तों में मोड़ आ गया है
बाज़ार से लौटते हुए
मोहना के पास समस्त व्यक्तिगत आस्था छोड़ आया हूँ

अब मेरी पूरी पीठ पर चूहों के छौने हैं
उन्हें दौड़-भाग प्रतियोगिता में मस्त होते देख
रिश्तेदार सारे ख़ुद ही बल्कि एक-एक अदद चूहा होना चाहते हैं
अपने रिश्ते के मोड़ों को अबकी बार मैंने तेज़ धार में बहा दिया है

नदी में जाल डालने पर
अब भी सैकड़ों चिट्ठी-पत्री, ई-मेल, टेलीफ़ोन की क्रिं... क्रिं... की ध्वनि
तट पर उठकर कुछ देर छटपटाने के बाद मर जाते हैं ...

बांग्ला से अँग्रेज़ी में अनुवाद : हैकल अल हाशमी
अँग्रेज़ी से हिन्दी में अनुवाद : भास्कर चौधुरी